Dil Shukrana Kar Raha Hai Song By Altaaf Sayyed
हाथो की लकीर को सुलझाया तूनेसांसो को जीना सिखलाया तूने
गम में मुझको बहलाया तूने
मुझ को मुझी से मिलवाया तुने
कुछ शिकायत नहीं फ़लक से
कुछ गीला भी नहीं अब रब से
[दिल शुकराना कर रहा है तब से
दिल शुकराना कह रहा है रब से] x2
कुछ घडी बची थी ये साँस हैं मेरी
तूने इसमे इजाफा सा हैं कर दिया
बड़ा नुकसान में था मैं सारी उमर
तूने जैसे मुनाफा सा हैं कर दिया
चाँद मिलने लगा अब हसद से नूर घिरने लगा है
हर तरफ से
[दिल शुकराना कर रहा है तब से
दिल शुकराना कह रहा है रब से] x2
चुप्खियाँ सी पड़ी थी लवो पे मेरे
तूने लब्ज़ दिया तो हरारत मिली
थी बया बा बड़ी dil की सारी ज़मीं
तूने रक्खा कदम जगमगाहट मिली
वास्ता अब सही न गलत से तू मिला हैं मेरी
किस्मत से
[दिल शुकराना कर रहा है तब से
दिल शुकराना कह रहा है रब से] x2
- SONG : DIL SHUKRANA KAR RAHA HAI
- SINGER : ALTAAF SAYYED
- MUSIC : CHANDRA SURYA
- MUSIC PROGRAMMING : CHANDRA SURYA
- LYRICIST : AKHTAR NAFE