Dil Dhundta Hai Phir Wahi Fursat Ke Raat Din - Lyrics


Dil Dhundta Hai Phir Wahi Fursat Ke Raat Din - Lyrics


दिल ढूँढता है, फिर वही, फ़ुर्सत के रात दिन का यह नगमा फिल्म मौसम से लिया गया हैं, इसमें संगीत दिया हैं मदन मोहन  जी ने और इस नगमे का बोल लिखा हैं गुलजार जी ने और इस नगमे में अपनी आवाज़ दी हैं भूपेंद्र  लता मंगेशकर जी ने 

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Dil Dhundta Hai Phir Wahi Fursat Ke Raat Din - Lyrics



दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात दिन -x2
बैठे रहे तसव्वुर-ए-जानाँ किये हुए
दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात दिन.

जाड़ों की नर्म धूप और आँगन में लेट कर -x2
आँखों पे खींचकर तेरे आँचल के साए को
औंधे पड़े रहे कभी करवट लिये हुए
दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात दिन.

या गरमियों की रात जो पुरवाईयाँ चलें -x2
ठंडी सफ़ेद चादरों पे जागें देर तक
तारों को देखते रहें छत पर पड़े हुए
दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात दिन.

बर्फ़ीली सर्दियों में किसी भी पहाड़ पर -x2
वादी में गूँजती हुई खामोशियाँ सुनें
आँखों में भीगे भीगे से लम्हे लिये हुए

दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात दिन.


  • Song Title: Dil Dhundta Hai Phir Wahi Fursat Ke Raat Din
  • Film: Mausam
  • Music Director: Madan Mohan
  • Lyricist: Gulzar
  • Singer(s): Bhupinder - Lata Mangeshkar

यह नगमा यूट्यूब चैनल  Zee Music Classic से लिया गया 


Dil Dhundta Hai Phir Wahi Fursat Ke Raat Din - Lyrics Dil Dhundta Hai Phir Wahi Fursat Ke Raat Din - Lyrics Reviewed by Wahh on जून 12, 2019 Rating: 5

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